जब भी सोचा, एक एहसास सा रह जाता है !
यूँ तो ज़िन्दगी चलती ही जा रही है
पर कुछ वो पल जो एकेले में गुज़रते है
कही चुप कुछ बाते करा करते हैं
वही बातें कुछ तुम्हारी, कुछ अपनी, कुछ हमारी !!!
एक तलाश जो अधूरी क्यों लगती है
सबका इस जहाँ में एक आशय रहा करता है
क्यों लगता है वो नियत अभी मिला ही नहीं!!!
हर पहर एक कशिश रहती है!!
यूँ तो ज़िन्दगी चलती ही जा रही है
पर कुछ वो पल जो एकेले में गुज़रते है
कही चुप कुछ बाते करा करते हैं
वही बातें कुछ तुम्हारी, कुछ अपनी, कुछ हमारी !!!
एक तलाश जो अधूरी क्यों लगती है
सबका इस जहाँ में एक आशय रहा करता है
क्यों लगता है वो नियत अभी मिला ही नहीं!!!
हर पहर एक कशिश रहती है!!
- अस्मिता सिंह